HINDU RAKSHA SENA
हिन्दू रक्षा सेना
महामंडलेश्वर : स्वामी प्रबोधानंद गिरि
श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा
अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष एवं
राष्ट्रीय अध्यक्ष - हिन्दू रक्षा सेना
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।।
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥
हिंदू रक्षा - देश की रक्षा | हिन्दुओं की सेना - हिंदू रक्षा सेना ||
महामंडलेश्वर : स्वामी प्रबोधानंद गिरि
प्रिय हिन्दुओं, हरि स्मरणं !
“हिंदू रक्षा सेना” आप सभी के बीच में हिन्दुओं की रक्षा के संकल्प के साथ हिन्दुओं की अपनी शक्ति के रुप में पुरे देश में बहुत तेज गति से बढ रही है | पुरे देश से संगठन की मांग बढ रही है | इसके साथ ही एक प्रश्न भी कुछ लोगों के मनो में जागृत होना स्वाभाविक है ” हिंदू रक्षा सेना का संगठन क्यों ” ?
हिन्दुस्तान में 1947 से पूर्व हिन्दू मुसलमान का विवाद नेताओं द्वारा पैदा किया गया उसका परिणाम 15 अगस्त 1947 को भारत तीन भागों में बाँटा गया । पाकिस्तान, पूर्वी पाकिस्तान ( बंगला देश ) मुसलमानो के लिये, तथा शेष भाग इंडिया ( भारत ) हिन्दुओं के लिये मिला । अर्थात दो देश, मुसलमानो के मिले शेष एक भाग हिन्दुओं को मिला । सैकुलर नेताओं द्वारा हिन्दुओं के साथ धोखा किया गया, इसी कारण शेष भाग भारत में मुसलमानों को रोक लिया गया और बंगला देश और पाकिस्तान में रह रहे हिन्दुओं को भारत भेज दिया गया और शेष हिन्दुओं को मार दिया गया जबरदस्ती मुसलमान बनाया गया । यह सब इसलिये हुआ हिन्दू नेतृत्व का अभाव था या शक्तिहीन थे इसके कारण तथा कथित सैकुलर नेताओँ के कारण हिन्दुओं के साथ दोहरा धोखा हुआ |