धर्म का इतिहास

हिन्दुस्तान में 1947

से पूर्व हिन्दू मुसलमान का विवाद नेताओं द्वारा पैदा किया गया उसका परिणाम 15 अगस्त 1947 को भारत तीन भागों में बाँटा गया । पाकिस्तान, पूर्वी पाकिस्तान ( बंगला देश ) मुसलमानो के लिये, तथा शेष भाग इंडिया ( भारत ) हिन्दुओं के लिये मिला । अर्थात दो देश, मुसलमानो के मिले शेष एक भाग हिन्दुओं को मिला । सैकुलर नेताओं द्वारा हिन्दुओं के साथ धोखा किया गया, इसी कारण शेष भाग भारत में मुसलमानों को रोक लिया गया और बंगला देश और पाकिस्तान में रह रहे हिन्दुओं को भारत भेज दिया गया और शेष हिन्दुओं को मार दिया गया जबरदस्ती मुसलमान बनाया गया । यह सब इसलिये हुआ हिन्दू नेतृत्व का अभाव था या शक्तिहीन थे इसके कारण तथा कथित सैकुलर नेताओँ के कारण हिन्दुओं के साथ दोहरा धोखा हुआ |
पाकिस्तान और बंगला देश की सत्ता मुसलमानो के हाथ में गई तथा भारत की भी सत्ता तथा कथित सैकुलर नेता का नारा देकर एवं मुसलमान से हिन्दू नाम बदलकर तत्कालीन मुसलमान नेताओं के हाथ में चली गई कमजोर हिन्दूनेता सत्ता के लालच ने आकर तथाकथित सैकुलर नेता बनकर उनके साथ खडे हो गये । इन सभी नेताओं ने सैकुलर का नारा देकर हिन्दुओं के खिलाफ बडा षडयंत्र किया । कैसे हिन्दुओं को अपमानित किया जाये, समाप्त किया जाये । हिन्दुओं के मान बिन्दूओ पर हमला किया जाये । तथाकथित सैकुलर नेताओं के गॅंग ने 1947 से अब तक अधिकांश समय सत्ता कब्जा करके हिन्दुओं के खिलाफ षडयंत्र के तहत हिन्दुओं को अपमानित किया, अत्याचार किया व हिन्दू कैसे समाप्त हो इस षडयंत्र में लगे रहते है । विश्व में भारत ही एक ऐसा हिन्दू राष्ट्र है जिसमें हिन्दुओं का सर्वाधिक उत्पीडन किया जाता है। और हिन्दुओं को ही तथा कथित सैकुलर नेताओं द्वारा सदभव, समरस्ता, सहनशीलता का उपदेश दिया जाता है । और अपराधी के रुप में हिन्दुओं को कटघरे में खडा किया जाता है ।

इन तथाकथित सैकुलर नेताओं ने योजना के तहत बार-बार हिन्दुओं जो झूठ बोलकर, धोखा देकर, भ्रम पैदा कर वोट प्राप्त किये और सत्तायें कब्जे में रखी तथा बार-बार हिन्दुओं को अपमानित किया, उत्पीडन किया, धोखा दिया । हिन्दुओं की सहन करने की सीमायें पार होने पर गत लगभग पच्चीस वर्षो से हिन्दुओं का स्वाभिमान जागृत हुआ और हिन्दुओं ने जागृत होने की अंगडाई लेनी शुरु की तो देश में अनेको ने हिन्दूनेताओं का प्रादुर्भाव प्रारंभ हुआ तथा सत्ता में हिन्दूनेताओं की भागीदारी शुरु हुयी फिर हिन्दुओं ने जोर की अंगडाई ली तो अनेको हिन्दूनेता प्रकट हुए, तथा कथित सैकुलर नेता भी हिन्दूनेता क रुप में सामने आये उसका परिणाम सन 2014 में भारत में हिन्दू नेताओं की राष्ट्रवादी सरकार भाजपा गठबंधन की सरकार बनी जिसमें बडी संख्या में सत्ता के लोभी तथाकथित सैकुलर नेताओं की भी हिन्दू मुखोटा ओंड़कर भागीदारी हुयी ।

राजनीति और राजनेता हिन्दू हित कें लिये हिन्दू संगठन क दबाब व प्रभाव में रहे । इस चिंतन के परिणाम स्वरूप उत्तर भारत के प्रमुख हिन्दू संगठनो व हिन्दूओं का एक विराट संत समागम व हिन्दू सम्मेलन उतर प्रदेश दो सम्भल में बैसाख शुक्ल, अक्षय तृतीया सम्वत् 2074 ( 29 अप्रैल सन 2017 दिन शनिवार) को आयोजन किया गया जिसमें सर्व सम्मति से प्रस्ताव पास कर हिंदू रक्षा सेना की घोषणा हुई सभी उपस्थिति सन्तो व हिन्दुओं ने सर्व सम्मति के साथ पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि को हिंदू रक्षा सेना का राट्रीय अध्यक्ष घोषित किया । उन्हें संगठन की समस्त जिम्मेदारियों संगठन विस्तार, गठन, पंजीकरण आदि को सोपा गया समी ने भरोसा प्रकट किया । पूज्य स्वामी जी के नेतृत्व में हिन्दू रक्षा सेना विशाल वट वृक्ष बनेगी जिससे हिन्दूओं का सम्मान बढेगा | पूज्य स्वामी जी ने भी आश्वासन दिया आप सभी का भरोसा पूर्ण करने के लिये, पूर्ण यत्न से कार्य करुंगा तथा जीवन पर्यन्त केवल हिन्दू के जिऊंगा, हिन्दूओं के लिये मरुंगा और पुनः जन्म लेकर भी हिन्दूओं के लिये कार्य करुंगा । तभी तो पूज्य स्वामी जी सतत् रुप से साधना के रुप में पूरे देश में सधन प्रवास करते हुये हिन्दू रक्षा सेना के विस्तार में कार्यरत है । जिसके परिणाम स्वरूप श्री हनुमान जी महाराज की कृपा से हिन्दू रक्षा सेना विशाल शक्ति के रुप में उभरते हुये आप सभी के स्नेह व सहयोग से आगे बढ रही है ।

भाजपा गठवंघन की सरकार बनने से हिन्दुओं के स्वाभिमान को सम्मान रखने का बल मिला | विश्व में सभी हिन्दूओं को अपनी सुरक्षा का भसेसा जागृत हुआ, हिन्दुओं की मान बिन्दुओं की सुरक्षा की आशा जागृत हुयी, लेकिन भारत सरकार के साढे तीन वर्ष के बाद भी तथाकथित हिंदूवादी सरकार के द्वारा भी हिन्दुओ की रक्षा, हिन्दु बिन्दुओं की रक्षा एवं सम्मान के लिये कोई समुचित कार्य नाही हुआ क्योकी हिंदू वाडी नेता भी तथाकथित सैकुलरवादी नेताओं के दबाव प्रभाव हि कार्य करते दिख रहे है | हिन्दू को अंगडाई लेकर बार-बार सो जाने की आदत है उसका नाजायज लाभ नेता उठाकर हिन्दुओं को अपमानित करते है ।

भारत के बुध्दीजीवीओं ने हिन्दुओं की समस्याओं का समाधान दूढने के क्रम में पाया कि हिन्दुओं का सतत् जागरण हो, इसके लिये बिना राजनैतिक प्रभाव व दबाव के हिन्दू शक्ति खडी हो । इस क्रम में हिन्दुओं के जगाने के प्रयास मी कुछ संस्थाये काम करती है । वह पसेक्ष या अपरोक्ष रुप से राजनेताओं के दबाव व प्रभाव में होने के कारण हिन्दू हित में निर्णायक काम कराने में सफल नहीं हो पाती । हिन्दू वोट बैंक तो उभरा है लेकिन हिंदू हित में काम करने का अभाव दूर-दूर तक दिखाई देता है | ऐसी विषम परिस्थिति में हिन्दू हित के लिये काम कराने वाला संगठन एक चुनौती दिखाई देता है, इस भयंकर चुनौती को स्वीकार करने का साहस संपूर्ण जीवन हिन्दुओं के लिये समर्पित एक-संन्यासी योद्धा के हृदय में वेदना के रूप में प्रकट हुआ तो इस संन्यासी द्वारा अनेकों वर्षो से देश के हिन्दू हित चिंतक प्रमुख बुध्दीजीवीओं से वार्ता के निष्कर्ष के बाद तय हुआ केवल हिंदू हित के लिये कार्य करने वाला संगठन होना चाहिये, जो राजनीती और राजनेताओं के दबाव तथा प्रभाव में ना आये |